छिंदवाड़ा । न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम अमरवाड़ा न्यायालय न्यायाधीश सुश्री संध्या मरावी ने निर्णय पारित करते हुए वन्य प्राणी जंगली सुअर के शिकार करने वाले आरोपी बलदेव मोरखा, गोपाल को वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत दो -दो वर्ष का कठोर कारावास और 2-2 हजार रूपए अर्थदंड से दंडित किया।
घटना 30 दिसंबर 2012 की मध्य रात्रि की है वन्य रक्षक संतोष सोनी को सूचना मिली थी कि वन्य परिक्षेत्र अमरवाडा के गण दरयाब के जंगल में बीती रात बंदूक से शिकार किया गया है
जिसके आधार पर अधिकारी संतोष सोनी तथा अन्य वन्य रक्षक के साथ विपत गौंड के खेत में स्थित झोपडी में पहुंचे और वहां झोपडी में सो रहे दो लोगों को बाहर बुलाया तथा पूछताछ में एक व्यक्ति ने अपना नाम बलदेव मोरखा बताया उसने बताया कि ग्राम झिरपा का रहने वाला गोपाल उसके मकान में बंदूक लेकर आया था तथा खेत उसको गढा दरयाब मालवारी में जंगली सुअर भागते दिखाई दिए जिससे गोपाल ने बंदूक से मारा उठाकर लाया झोपडी में लाया और यहीं उसके टुकडे करू कुछ भाग पकाकर खा गये कुछ रखे हुए हैं ।
वनविभाग के अधिकारियों द्वारा विवेचना में जंगली सुअर का मांस व घटना में प्रयुक्त हथियार जप्त किए। विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय द्वारा आरोपीगणों को दोषी पाते हुए सजा सुनाई गई। प्रकरण में शासन की और से लोकेशकुमार घोरमारे एडीपीओ ने शासन का पक्ष रखा था।